प्यार जब होगा तो सीने में चुभन भी होगी
दरमियां दिल के मुहब्बत की अगन भी होगी
जाके परदेश मिला होगा बहुत कुछ लेकिन
दिल के कोने में कहीं यादे वतन भी होगी
राह में उसके अगर धूप गरम झोकें हैं
तो कहीं छांव कहीं ठंठी पवन भी होगी
प्यार जितना ही मुझे तुमसे जियादा होगा
उतना लाज़िम है रक़ीबों को जलन भी होगी
आँख रोएगी परेशान मेरा दिल होगा
याद जब तेरी सताएगी घुटन भी होगी
हौसले और उमीदों के सहारे चलना
मंज़िलें दूर हैं रस्ते में थकन भी होगी
लाख हंस हंस के छुपा ले तू गमों को फिर भी
तेरे चेहरे पे जुदाई की शिकन भी होगी
इतना मायूस शबे ग़म से न होना ‘सूरज’
रात के बाद उमींदों की किरन भी होगी
डॉ सूर्या बाली ‘सूरज’