मुझे अच्छा नहीं लगता तुम्हारा दूर हो जाना॥
सताता है बहुत दिल को तेरा मग़रूर हो जाना॥
तिरे ही नूर से रौशन ज़मीं है चाँद तारे भी,
रुला देगा जहां को यूँ तेरा बेनूर हो जाना॥
मेरी शोहरत पड़ोसी को कभी अच्छी नहीं लगती,
उसे बिलकुल नहीं भाता मेरा मशहूर हो जाना॥
बहुत तकलीफ़ देता है मोहब्बत का दिवानापन,
जिगर का चाक होना दिल का चकनाचूर हो जाना॥
उसे ऐसा नहीं करना था पैसों के लिए “सूरज”
अंधेरा घर मेरा करके किसी का नूर हो जाना॥
डॉ॰ सूर्या बाली “सूरज”