तू ही मेरी ज़िंदगी है तू ही मेरी जान है।
तुझको इस दिल से भुलाना अब नहीं आसान है॥
लाख समझाऊँ मैं दिल को छोड़ दे हसरत तेरी,
बात मेरी कब ये माने दिल बड़ा नादान है॥
मेरी हर धड़कन मेरी हर सांस का हिस्सा है तू,
साथ तेरे जीने मरने का मेरा अरमान है॥
पहले भी मैं था मगर दुनिया ने पहचाना कहाँ?
तुझसे मिल के मिल गयी मुझको नई पहचान है॥
इश्क़ में तेरे ज़माना मुझको दीवाना कहे,
और मैं तुझको कहूँ की तू मेरा भगवान है॥
मैं ख़यालों में तेरे खोया हुआ हूँ रात दिन,
लग रहा सीने मे कोई उठ रहा तूफ़ान है॥
नूर मिलता है तुम्ही से चाँद को “सूरज” को भी,
तेरे क़दमों में मेरी अब हर खुशी कुर्बान है॥
डॉ. सूर्या बाली “सूरज”