दे दिया दिल किसी को जाने बग़ैर
जी न पाऊँ अब उसको देखे बग़ैर
वो ही धड़कन वही है सांसें अब
ज़िंदगी कुछ नहीं है उसके बग़ैर
एक पल काटना भी मुश्किल है
उम्र गुज़रेगी कैसे तेरे बग़ैर
सोचता हूँ के भूल जाऊँ तुझे
रह नहीं पाता तुझको सोचे बग़ैर
काश तू सुनता मेरे दिल की सदा
बात करता है तुमसे बोले बग़ैर
कोई गुलशन कहाँ मुकम्मल है
फूल तितली गुलाब भौंरे बग़ैर
ज़िंदगी ज़िंदगी नहीं है अब
काटता हूँ जो रोज़ तेरे बग़ैर
अपने हालात क्या बताऊँ तुम्हें
कैसे समझोगे हाल आये बग़ैर
दिल के ज़ख़्मों को जब भी देखोगे
रह न पाओगे तुम भी रोये बग़ैर
रिश्तों में प्यार की नमी रखिए
सूख जाते हैं फूल सींचे बग़ैर
देख लूँ इक निगाह भर के तुझे
दिल परेशॉ है तुझको देखे बग़ैर
आँख से आँख क्या मिली 'सूरज'
बस गया दिल में कोई पूछे बग़ैर
डॉ सूर्या बाली 'सूरज'